Wednesday, July 8, 2015

आम के असरकारी नुस्खे


  • मस्तिष्क की कमजोरी: एक कप आम का रस, चौथाई कप दूध, एक चम्मच अदरक का रस, स्वादानुसार चीनी, सब मिला कर दिन में एक बार नित्य पीएँ। इससे मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। यह रक्त शोधक हैं। 

  • हैजा: 25 ग्राम आम के नर्म पत्ते पीस कर एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छशन कर ग्रम-गर्म मरीज को दो बार पिलाएँ। तिल्ली : 70 ग्राम आम का रस, 15 ग्राम शहद में मिला कर नित्य प्रात: 3 सप्ताह पीने से तिल्ली की सूजन और घाव में लाभ होता है। इस अवधि में खटाई ना खाएँ। शक्तिवर्धक : आम खाने से रक्त अधिक मात्रा में पैदा होता है। दुबले लोगों का वजन बढ़ता है। शरीर में स्फूर्ति आती है।
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  • सौन्दर्यवर्धक : आम का सेवन करने से त्वचा का रंग साफ होता है। रूप में निखार आता है। चेहरे की चमक बढ़ती है। 
  • सूखी खाँसी: पके हुए आम को गर्म राख में दबाकर भून कर ठंडा होने पर चूसें, इससे से सूखी खाँसी ठीक हो जाती है। 
  • पायरिया: आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से पायरिया एवं दाँत के सभी रोग ठीक हो जाते हैं। 

  • हाथ-पैरों में जलन : आम के बौर यानी फल लगने से पहले खिलने वाले फूल रगड़ने से यह जलन मिट जाती है। मधुमेह: आम और जामुन का रस समान भाग में मिला कर कुछ दिनों तक पीने से मधुमेह रोग ठीक हो जाता है। 

  • विषैला दंश: चूहा, बंदर, कुत्ता, मकड़ी, बिच्छू या ततैया काटने पर आम की गुठली पानी के साथ घिस कर लगाने से जलन और पीड़ा में आराम मिलता है।बिच्छू के काटने पर: अमचूर और लहसुन समान मात्रा में पीस कर काटे स्थान पर लगाने से बिच्छू का जहर उतर जाता है। 

  • पथरी : आम के ताजा पत्ते छाया में सुखा कर बेहद बारीक पीस लें और आठ ग्राम बासी पानी के साथ प्रात: फंकी लें। पथरी में आराम मिलेगा।


आम के खास नुस्खे

आमपाक : दो किलो कच्चे आमों को छीलकर कतर लें। फिर दो लीटर पानी में पकाएँ। जब आधा पानी रह जाए तब ठंडा कर धो लें। फलालेन के कपड़े में रस टपका लें। फिर इस अर्क के समान शकर मिला पक्की चाशनी कर लें। इसे खाने से मन प्रसन्न रहता है। इसे अँगरेजी में 'मैंगो जैली' कहते हैं। दुग्ध के साथ आम : इसका सेवन अत्यंत लाभदायक है। यह स्वादिष्ट और रुचिवर्धक होने के साथ-साथ वातपित्त कफनाशक, बलवर्धक, पौष्टिक और देह के वर्ण को निखारने वाला है। 

आम की गुठली : आम की गुठली के गूदे में बहुत से पौषक तत्व सम्मिलित हैं। आयुर्वेद शास्त्र में इसका खूब उपयोग किया गया है। गले के रोग : आम के पत्तों को जलाकर गले के अंदर धूनी देने से गले के अनेक रोग दूर होते हैं। जी मिचलाना, पेट की जलन : आम की मिंगी के 5 ग्राम चूर्ण को दही के साथ मिलाकर सेवन करने से जी मिचलाना और पेट की जलन दूर होती है। बिच्छू, ततैया, मकड़ी का विष : अमचूर को पानी में पीसकर विषैले स्थान पर लगाएँ। इससे विष और फफोले में शीघ्र आराम होता है। फुंसियाँ : आम की छाल पानी में घिसकर लगाएँ।


कच्चे और पके दोनों तरह के आम कई तरह की किस्मों में मिलते हैं कच्चे आम में गैलिक एसिड के कारण खटास होती है। आम के पकने के साथ उसका रंग भी सफेद से पीला हो जाता है। यही पीले रंग का कैरोटीन हमारे शरीर में जाकर विटामिन '' में परिवर्तित हो जाता है। इसमें विटामिन 'सी' भी काफी होता है। भूखे पेट आम खाएँ। इसके अधिक सेवन से रक्त विकार, कब्ज और पेट में गैस बनती है। कच्चा आम अधिक खाने से गला दर्द, अपच, पेट दर्द हो सकता है। कच्चा आम खाने के तुरंत बाद पानी पिएँ। मधुमेह के रोगी आम से परहेज करें। खाने से पहले आम को ठंडे पानी या फ्रिज में रखें, इससे इसकी गर्मी निकल जाएगी। यह शक्तिवर्धक, स्फूर्तिदायक और शरीर की चमक बढ़ाने वाला होता है।

आम के घरेलू नुस्खे
आम में सैल्यूलोज तथा मेटोस शर्करा पाई जाती है। आम का रस बहुत गुणकारी, मीठा बलवर्द्धक होता है। दूध में आम रस डालकर पीने से इसके गुणों में वृद्धि होती है। तीन माह तक लगातार शाम को आम रस पीने से मर्दाना ताकत में वृद्धि होती है। रतौंधी रोग में चूसने वाला आम लाभकारी होता है।आम का गोंद भी खाने के काम में लिया जाता है, आम की मंजरी कफ, पित्त, प्रमेह अतिसार को नष्ट करती है, इससे रक्त विकार भी दूर होता है। कच्चे आम के सीधे सेवन से बचना चाहिए, इससे कब्ज, मंदाग्नि हो सकती है। पका आम भी भूखे पेट नहीं खाना चाहिए, इससे पेट की गड़बड़ी की संभावना रहती है। दाँत दर्द होने पर पत्तों को उबालकर काड़ा बना लें, इससे कुल्ला करें, आराम होगा। आम की गुठलियों का चूर्ण गर्म पानी के साथ चौथाई चम्मच देने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। कच्चा आम भूनकर या पानी में उबालकर 'पना' बनाया जाता है, जो गरमी में लू से बचाव करता है। भूने हुए कच्चे आम के गूदा को पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है।

आम के घरेलू नुस्खे
कच्चा आम भूनकर या पानी में उबालकर 'पना' बनाया जाता है, जो गरमी में लू से बचाव करता है। भूने हुए कच्चे आम के गूदा को पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है।

कच्चे आम के गुण : कच्चे आम को कैरी कहते हैं। यह कसैली खट्टी, रुचिकारी भी है। कच्चे आम रूक्ष और त्रिदोषकारक होते हैं।

अमचूर के गुण : कच्चे आम के ऊपर का छिलका उतारकर उसको सूखा लेते हैं। इसी को अमचूर कहते हैं। यह स्वाद में खट्टा और रुचिकारक है। गुणों में दस्तावर और कफ वातजित है। इसको दाल या तरकारी में डालते हैं तथा गहने और बर्तन भी इससे साफ करते हैं। * पका हुआ आम : कुछ मीठा, स्वादिष्ट, पौष्टिक, चिकना, बलदायक, वातनाशक, हृदय को बलदायक होता है। शरीर की कांति को बढ़ाने वाला, शीतल, क्षुधावर्धक तथा पित्त को साम्यावस्था में लाने वाला है। ¬

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