Friday, July 31, 2015

अँगूर


अँगूर में है बड़े-बड़े गुण ~~अँगूर में एक विशेष गुण यह है कि यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देता है। यह एक अच्छा रक्त शोधक रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है। अँगूर रक्त की क्षारीयता सन्तुलित करता है, क्योंकि रक्त में अम्ल क्षार का अनुपात 20:80 होना चाहिए। यदि किसी कारणवश शरीर में अम्लता बढ़ा जाए, तो वह हानिकारक साबित होता है। अँगूर बढ़ती अम्लता को आसानी से कन्ट्रोल करता है। अँगूर का 200 ग्राम रस शरीर को उतनी ही क्षारीयता प्रदान करता है, जितना कि एक किलो 200 ग्राम बाईकार्बोनेट सोडा, हालाँकि सोडा इतनी अधिक मात्रा में लिया नहीं जा सकता। अँगूर के रस को कलई के बर्तन में पकाकर गाढ़ा करके सोते समय आँखों में लगाने से जाला आदि नेत्र रोग दूर हो जाते हैं। जिन माताओं को पर्याप्त दूध उतरता हो, उनके लिए भी इसका सेवन लाभकारी होता है। अँगूर की बेल काटने से जो रस निकलता है, त्वचा रोगों में लाभकारी होता है। अँगूर के पत्तों का अर्क एक से तीन चम्मच तक लेने पर बावासीर के मस्सों पर लगाने पर काफी लाभ मिलता है। 500 मिलीग्राम से एक ग्राम तक पत्तों की भस्म शहद से लेने से बवासीर में लाभ होता है। ~अंगूर के अनूठे असरकारी नुस्खे ~यदि किसी ने धतूरा खा लिया हो, तो उसे अंगूर का सिरका दूध में मिलाकर पिलाने से काफी लाभ होता है। अंगूर मियादी बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन की गड़बड़ी आदि भी काफी लाभकारी है। अंगूर में एक विशेष गुण यह भी है कि यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देता है। यह एक अच्छा रक्त शोधक रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है। अंगूर रक्त की क्षारीयता सन्तुलित करता है, क्योंकि रक्त में अम्ल क्षार का अनुपात 20:80 होना चाहिए। यदि किसी कारणवश शरीर में अम्लता बढ़ा जाए, तो वह हानिकारक साबित होता है। अंगूर बढ़ती अम्लता को आसानी से कन्ट्रोल करता है। अंगूर का 200 ग्राम रस शरीर को उतनी ही क्षारीयता प्रदान करता है, जितना कि एक किलो 200 ग्राम बाईकार्बोनेट सोडा, हालाँकि सोडा इतनी अधिक मात्रा में लिया नहीं जा सकता। अंगूर में एक विशेष गुण यह भी है कि यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देता है। यह एक अच्छा रक्त शोधक रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है। ¬~बा


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